Wednesday, February 14, 2018

नाम....😊

यूं तो कोई खास बात नहीं 
लेकिन तुम्हें नाम से पुकारना अच्छा नहीं लगता।।
जाने क्यूं तुम्हारा नाम होठों पर आते ही तुम बेगाने लगने लगते हो।
हां सच ही तो कि कोई खास बात नहीं, नाम न लेने के पीछे,
हुआ कुछ यूं कि पहले हमारा काम चल जाता था इक-दूजे का नाम लिए बगैर।।
फिर हम धीरे-धीरे दोस्त बनें, ऐसा महसूस किया हम दोनों ने।
तो फिर दोस्त से काम चल गया, फिर नाम नहीं लिया।।
फिर रफ्ता-रफ्ता प्रेम के बीज पल्लवित और पुष्पित हुए, तो भी बिना नाम के काम चल गया।।
कैसे? अरे आप -जनाब और सुनिए से।।😊
फिर हम अपनों के लिए अपने से धीरे -धीरे जुदा हुए।
लेकिन जाने से पहले न तुमनें लौटने का वादा किया और न ही मैंने भूलने का।
और आखिरी अलविदा भी तुम मुझे बिना नाम से पुकारे कह गए.....ओह हां ....
याद आया ....जुबां से नहीं निगाहों से..... 
यानि हम साथ थे तब भी अनाम थे, जुदा हुए तो भी अनाम ही थे,
 और अब हम इक-दूजे को महसूसते हैं तो भी तुम मेरे अनाम और मैं तुम्हारी अनामी....
 हां लेकिन आज जब तुमसे जुड़े दिल के हर तार को तोड़ना चाहा,
 और महज़ इक बार तुम्हारा नाम मेरे होठों पर आया,
तो इक पल में हम बेगाने हो गए, 
सैकड़ों तीर मेरे दिल पर चल गए,
जबकि तुम्हें नाम से न पुकारना कोई खास बात तो नहीं.....

Tuesday, February 13, 2018

डायरी के पन्नों से .....


-------इन बिखरते पन्नों सी जिंदगी है मेरी,
न जाने कब, कौन सा पन्ना उड़ेगा
और ठहर जाएगा कुछ पल के लिए
फिर कुछ कही और कुछ अनकही बातों का दौर चलेगा।।
न जाने कब, कौन सा किस्सा फिर बनेगा नया
और ठहर जाएगी जिंदगी कुछ पल के लिए।।

कल एक अजनबी ने पढ़ा था इक पन्ना मेरी जिंदगी का
और कहने लगा वाकया एक सुनों.....
मेरी चुप्पी को मेरी हां समझकर, वो कहने लगा किस्सा फिर नया...

एक बड़ी खूबसूरत सी थी जिंदगी,
खुशियों से भरी, चाहतों से भरी, हंसती-मुस्कुराती थी वो जिंदगी,
जाने क्या ऐसा फिर अचानक हुआ, 
दिल टूटा और इक आवाज सी आयी,
और फिर खो गई वो हंसी-मुस्कुराहट, वो खुशियां, वो चाहत.....
इससे आगे की कहानी कहोगी क्या तुम?
था ये दर्द क्यूं? बदली क्यूं जिंदगी?
सोचा कह दू मैं इससे आगे का वाकया और कर दूं ये अधूरा किस्सा पूरा,
फिर सोचा बिखरे हुए पन्नों को समेटना कैसा?
वाकया जिसने छेड़ा था, उससे राब्ता कैसा?
और क्यूं कह दूं कि ये बिखरे हुए पन्नें मेरी जिंदगी के हैं...
इन बिखरते हुए पन्नों सी जिंदगी है मेरी, जिंदगी है मेरी.....

उसका रूठना