Saturday, June 19, 2021

हैपी फादर्स डे

 


.....भीड़ में अक्‍सर मैं अपने पापा का हाथ थाम लेती हूं ये जानते हुए भी क‍ि मेरा पहला कदम उन्‍होंने ही तो थामा था। फ‍िर उन्‍हें थामने की मेरी छोटी सी कोश‍िश पर उनकी मुस्‍कुराहट... जो शायद कहीं ये कहती हुई सी लगती है क‍ि बेटा 'मैं' आपका 'प‍िता' हूं। आपका पहला कदम मैंने ही तो थामा था। तब से लेकर आज तक जब कभी आप लड़खड़ाते हैं तो आपको ग‍िरने से पहले मैं ही तो संभालता हूं। हां लड़खड़ाने इसल‍िए देता हूं ताक‍ि तुम इस दुन‍िया में जीने के तरीके सीख सको। ठीक वैसे ही जैसे तुम्‍हारे पहले कदम शुरू हुए थे। वॉकर का सहारा छोड़कर ... मेरी फैली हुई बाहें देखकर तुम मेरी ओर बढ़े... तुम तब भी लड़खड़ाए थे लेक‍िन मुस्‍कुराते हुए मेरी ओर बढ़ रहे थे... तब भी तुम्‍हें ग‍िरने नहीं द‍िया तुम्‍हारी मुझ तक पहुंचने की जैसे ही स्‍पीड बढ़ी मेरी बाहों ने तुम्‍हें संभाल ल‍िया।....तो कुछ समझे बेटा आप... आज क्‍या उम्र के क‍िसी भी पड़ाव पर आप जब भी लड़खड़ाएंगे अपने पापा को अपने साथ पाएंगे। तो आपका हाथ थामने पर आपकी मुस्‍कुराहट में यही नहीं द‍िखता और भी बहुत कुछ द‍िखता है। 

मुझे यह भी साफ नजर आता है क‍ि आपकी आंखें यह देखकर और भी खुश हो जाती हैं क‍ि आपकी बेटी आज इतनी बड़ी हो गई है क‍ि वह भीड़ देखकर आपका हाथ थाम लेती है क‍ि कहीं आप न लड़खड़ा जाएं... मुझे यह खुशी और सुकून दोनों ही रूपों में नजर आता है। आपकी उसी मुस्‍कुराहट में मेरे पहले कदम से लेकर आज तक के हर कदम की झलक पल भर में आपकी आंखों में नजर आ जाती है।

....तो पापा ईश्‍वर से बस इतनी प्रार्थना है मेरे हर कदम पर आपका साथ और आशीर्वाद रहे.....हैपी फादर्स डे

उसका रूठना