....कौन कहता है कि जगह बदले तो खानपान बदलता है। स्वाद बदलता है या फिर खाने का अंदाज बदलता है। बनारस से 680 किलोमीटर दूर कोलकाता में बनारस का स्वाद लोगों की जुबान पर चढ़कर बोलता है।
.......वाराणसी से शुरू हुआ कोलकाता तक पहुंचा और जल्दी ही नोएडा में भी होगी दस्तक.......कोलकाता में बनारस के स्वाद को पाकर बहुत खुशी हुई तो बस फिर क्या था हमने मैनेजर से और वहां आए लोगों से बात की। मैनेजर एसके मिश्रा जी ने बताया कि कोलकाता में बाटी-चोखा की शुरूआत वर्ष 2015 में सॉल्ट लेक फाइव-डी में हुई। पहले साल से ही लोगों का बहुत अच्छा रिस्पांस मिला है। खासतौर पर यूपी से आने वाले लोग स्पेशली बाटी चोखा ढूढ़कर वहां पहुंचते हैं। उन्होंने बताया कि स्वाद से कोई समझौता न हो, इसके लिए बाटी-चोखा के शेफ रोटेट होते रहते हैं। कभी बनारस वाले लखनऊ तो कभी कोलकाता। कुछ इस तरह से होता है स्वाद का मैनजमेंट। उन्होंने बताया कि वाराणसी, लखनऊ और कोलकाता के बाद जल्दी ही नोएडा में भी स्वाद-ए- बनारस की दस्तक होगी। वहीं रेस्टोरेंट आए लोगों से जब बात की तो वह भी बनारस के स्वाद की तारीफ करते नहीं थके। टीसीएस में बतौर सॉफ्टवेयर काम करने वाले अयान और राजीव ने बताया कि यूं तो वे नॉन वेजेटेरियन हैं लेकिन वीकेंएड्स पर वे बाटी-चोखा ही आते हैं। अयान ने कहा कि गजब का स्वाद है इसमें। यहां का खाना खाकर सोचता हूं कि एक बार तो यूपी जरूर जाना चाहिए। बेहतरीन स्वाद है वहां के खाने में फिर चाहे यूपी का पुचका हो या फिर बाटी-चोखा।
वेजेटेरियन ही नहीं नॉन वेजेटेरियन भी बनारसी बाटी चोखा को ढूढते हुए वहां पहुंचते
हैं और फिर वीक ऑफ पर खाने को लेकर वही उनकी फेवरेट जगह होती है। यकीन जानिए जब मैं वेज खाने की तलाश में गूगल कर रही थी और बाटी चोखा रेस्टोरेंट का नाम देखा तो मन किया जाकर देखते हैं। और फिर सवाल प्योर वेज खाने का भी था। लेकिन खाने का वही टेस्ट होगा लखनऊ या फिर वाराणसी वाला सोचा नहीं था। जैसे ही हमारी नजर बाटी चोखा रेस्टोरेंट पर पड़ी, चेहरे पर मुस्कान अपने आप तैर गई। हो भी क्यूं न वही लुक वहीं अंदाज। फिर भी खाने के उसी टेस्ट को लेकर जरा सोच में थी। तभी दरबान ने दरवाजा खोला और बड़ी तहजीब के साथ अंदर तक ले गया। कोलकाता में भी लखनवी अंदाज दिल को छू गया। इसके बाद इंटीरियर पर नजर गई। हूबहू राजधानी और वाराणसी की शक्ल का था। फिर तो तसल्ली हो गई कि स्वाद भी वही होगा। कुछ ही देर में हमारे जाने-पहचाने अंदाज में परोसी गई बाटी और चोखा। साथ में टमाटर-मिर्च और लहसुन वाली चटनी घी के साथ। स्वाद जैसे ही जुबान तक पहुंचा, मंुह से अपने आप निकल गया अरे वाह..... लजीज बिल्कुल वहीं स्वाद। फिर तो यही अपना अड्डा बन गया। हां बस एक दिक्कत थी कि चाय यहां शाम के 7 बजने के बाद नहीं मिलती।.......वाराणसी से शुरू हुआ कोलकाता तक पहुंचा और जल्दी ही नोएडा में भी होगी दस्तक.......कोलकाता में बनारस के स्वाद को पाकर बहुत खुशी हुई तो बस फिर क्या था हमने मैनेजर से और वहां आए लोगों से बात की। मैनेजर एसके मिश्रा जी ने बताया कि कोलकाता में बाटी-चोखा की शुरूआत वर्ष 2015 में सॉल्ट लेक फाइव-डी में हुई। पहले साल से ही लोगों का बहुत अच्छा रिस्पांस मिला है। खासतौर पर यूपी से आने वाले लोग स्पेशली बाटी चोखा ढूढ़कर वहां पहुंचते हैं। उन्होंने बताया कि स्वाद से कोई समझौता न हो, इसके लिए बाटी-चोखा के शेफ रोटेट होते रहते हैं। कभी बनारस वाले लखनऊ तो कभी कोलकाता। कुछ इस तरह से होता है स्वाद का मैनजमेंट। उन्होंने बताया कि वाराणसी, लखनऊ और कोलकाता के बाद जल्दी ही नोएडा में भी स्वाद-ए- बनारस की दस्तक होगी। वहीं रेस्टोरेंट आए लोगों से जब बात की तो वह भी बनारस के स्वाद की तारीफ करते नहीं थके। टीसीएस में बतौर सॉफ्टवेयर काम करने वाले अयान और राजीव ने बताया कि यूं तो वे नॉन वेजेटेरियन हैं लेकिन वीकेंएड्स पर वे बाटी-चोखा ही आते हैं। अयान ने कहा कि गजब का स्वाद है इसमें। यहां का खाना खाकर सोचता हूं कि एक बार तो यूपी जरूर जाना चाहिए। बेहतरीन स्वाद है वहां के खाने में फिर चाहे यूपी का पुचका हो या फिर बाटी-चोखा।